कृष्ण-राधा की कहानी🚩🚩🚩🧡


  • • प्यार के दो नाम राधा और श्याम 
  • कृष्ण-राधा की कहानी 


1. इस बात में कोई संदेह नहीं है कि राधा, देवी लक्ष्मी के अवतार के रूप में इस धरती पर जन्मीं थी और ये बात भी हम सभी जानते हैं कि कृष्ण विष्णु के अवतार थे. देवी लक्ष्मी ने स्वयं यह कहा था कि उनका विवाह विष्णु के अलावा और किसी से नहीं होगा. ऐसे में ये बात गौर करने लायक है कि फिर तो निश्चित रूप से राधा ने कृष्ण से विवाह किया होगा. ऐसा कहा जाता है कि एक जंगल में स्वयं ब्रह्मा ने राधा और कृष्ण का विवाह करवाया था.


२.राधा की बात हो और कृष्ण का ज़िक्र न हो, भला यह कैसे संभव है। राधा कृष्ण को एक दूसरे के बिना अधूरा माना जाता है, तभी तो सभी भक्त कृष्ण को राधा कृष्ण के नाम से पुकारते हैं। यह दोनों नाम एक दूसरे के लिए ही बने हैं और इन्हें अलग नहीं किया जा सकता। आइए पढ़ते हैं श्री राधा कृष्ण के पवित्र प्रेम की अलौकिक कथा... 

 
जब मामा कंस ने भगवान श्री कृष्ण और बलराम को मथुरा आमंत्रित किया तब पहली बार भगवान श्री कृष्ण और राधा अलग हुए थे। 
 
लेकिन विधि का विधान कुछ और ही था। राधा रानी एक बार फिर श्री कृष्ण से मिलीं। राधा कृष्ण की नगरी द्वारिका जा पहुंची और जब कृष्ण ने राधा को देखा तो बहुत प्रसन्न हुए। दोनों संकेतों की भाषा में एक दूसरे से काफी देर तक बातें करते रहें और शास्त्रों में वर्णित है कि राधा जी को कान्हा की नगरी द्वारिका में कोई नहीं पहचानता था। 
 
शेयर करे और कमेंट करे 🚩🚩



5 Comments

Please do not write any spam link in comment box, Thanks

Thank you for your comments